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Uttar Pradesh News : यूपी का मेगा प्रोजेक्ट: 80 गांवों की जमीन पर बसेगा ‘न्यू नोएडा’! पार्क, ऑफिस, स्कूल संग 16000 किसानों की बदलेगी तकदीर?

Uttar Pradesh News :  उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर एक और मील का पत्थर स्थापित करने जा रहा है! नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) एक बिल्कुल नया, आधुनिक और सुनियोजित शहर बसाने की तैयारी में है, जिसे “नया नोएडा” या दादरी-नोएडा-गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र (DNGIR) के नाम से जाना जाएगा। यह सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा एक महत्वाकांक्षी मेगाप्रोजेक्ट है, जो न केवल यूपी की तस्वीर बदलेगा, बल्कि इससे जुड़े लगभग 16,000 किसान परिवारों के जीवन में भी बड़े बदलाव ला सकता है।

कितना विशाल होगा ‘नया नोएडा’?

कल्पना कीजिए एक ऐसे शहर की जो लगभग 21,000 हेक्टेयर (209 वर्ग किमी से अधिक) के विशाल क्षेत्रफल में फैला हो! यह नया शहर गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के कुल 80 गांवों की जमीन पर आकार लेगा। इसमें चौड़ी सड़कें, हरे-भरे पार्क, आधुनिक ऑफिस कॉम्प्लेक्स, विश्वस्तरीय स्कूल-कॉलेज, अस्पताल और लाखों लोगों के लिए खूबसूरत घर बनाने की योजना है।

क्या है तैयारी? ड्रोन सर्वे से लेकर जमीन अधिग्रहण तक

इस सपने को हकीकत बनाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने कमर कस ली है:

  1. ड्रोन सर्वे: सबसे पहले, इन 80 गांवों का अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक से सर्वे किया जाएगा। इसका मकसद जमीन की मौजूदा स्थिति का सटीक आकलन करना और अक्टूबर 2024 के बाद हुए किसी भी अवैध निर्माण का पता लगाना है।

  2. अवैध निर्माण पर एक्शन: सर्वे के डेटा को पिछले साल अक्टूबर की सैटेलाइट तस्वीरों से मिलाया जाएगा। यदि सर्वे के बाद कोई अवैध निर्माण पाया जाता है, तो उसे नोटिस भेजा जाएगा और नियमानुसार हटाने की कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि पिछले साल अक्टूबर में अधिसूचना जारी होने के बाद किसी भी निर्माण के लिए प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य था।

  3. सर्वे की टाइमलाइन: ड्रोन सर्वे करने वाली कंपनी को पहले एक प्रेजेंटेशन (PPT) देनी होगी, जिसमें सर्वे के सभी पहलुओं की जानकारी होगी। सीईओ डॉ. लोकेश एम के सामने प्रस्तुति के बाद, मई महीने में सर्वे शुरू होने और 10-15 दिनों में पूरा होने की उम्मीद है।

  4. पहले चरण का भूमि अधिग्रहण: ‘नया नोएडा’ बसाने के लिए पहले चरण में 15 गांवों की लगभग 3,165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। प्राधिकरण का प्रयास है कि यह जमीन किसानों से आपसी सहमति के आधार पर खरीदी जाए।

  5. मुआवजे पर मंथन: जमीन के बदले किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे की दरें जल्द ही तय की जाएंगी। प्राधिकरण सभी 16,000 किसान परिवारों (अनुमानित, हर गांव में ~200 परिवार) के साथ बैठकें करके उनकी राय और सहमति लेगा। उचित मुआवजा, विकसित प्लॉट या अन्य लाभकारी विकल्प देने पर विचार किया जा रहा है।

किसानों और प्रदेश के लिए क्यों अहम है यह प्रोजेक्ट?

यह परियोजना सिर्फ कंक्रीट का जंगल खड़ा करना नहीं है, बल्कि इसके कई दूरगामी फायदे हैं:

  • सुनियोजित विकास: दिल्ली-एनसीआर पर बढ़ते दबाव को कम करेगा और एक व्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा देगा।

  • आर्थिक गतिविधियां: नए ऑफिस, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से रोजगार के लाखों अवसर पैदा होंगे।

  • बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर: निवासियों को विश्वस्तरीय नागरिक सुविधाएं मिलेंगी।

  • किसानों का उत्थान: उचित मुआवजे और पुनर्वास योजनाओं से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरने की उम्मीद है।

‘नया नोएडा’ उत्तर प्रदेश के विकास की कहानी में एक सुनहरा अध्याय जोड़ने की क्षमता रखता है। आने वाले महीनों में ड्रोन सर्वे और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया इस मेगाप्रोजेक्ट की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।