Ujjwala Yojana Rules

Ujjwala Yojana Rules: एक ही घर में सास-बहू या मां-बेटी, क्या दोनों को मिलेगा उज्ज्वला योजना का फ्री सिलेंडर? जान लें सरकार का ये जरूरी नियम

Ujjwala Yojana Rules: केंद्र सरकार गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाती है, जिनका मकसद जीवन को आसान बनाना है। ऐसी ही एक बेहद सफल योजना है ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’, जिसने करोड़ों महिलाओं को धुएं वाले मिट्टी के चूल्हे से आजादी दिलाकर मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन और सिलेंडर मुहैया कराया है। इस योजना की शुरुआत 2016 में हुई थी।

लेकिन इस योजना को लेकर अक्सर लोगों के मन में एक सवाल कौंधता है – क्या एक ही परिवार में रहने वाली दो अलग-अलग महिलाओं (जैसे सास-बहू या मां-बेटी) को इस योजना का लाभ अलग-अलग मिल सकता है? क्या दोनों को मुफ्त सिलेंडर मिल सकता है? चलिए, आज इसी कन्फ्यूजन को दूर करते हैं और जानते हैं कि सरकार के नियम क्या कहते हैं।

सीधा जवाब: एक परिवार = एक कनेक्शन

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के नियमों के अनुसार, एक परिवार को केवल एक ही एलपीजी कनेक्शन दिया जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर आपके परिवार में पहले से किसी महिला सदस्य के नाम पर उज्ज्वला योजना का कनेक्शन मौजूद है, तो उसी परिवार में रहने वाली किसी दूसरी महिला को अलग से इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा, भले ही परिवार में एक से ज्यादा वयस्क महिलाएं हों। सरकार का उद्देश्य हर जरूरतमंद परिवार तक स्वच्छ ईंधन पहुंचाना है, न कि एक ही परिवार के हर सदस्य को अलग-अलग कनेक्शन देना।

लेकिन… इस कंडीशन में मिल सकता है दो महिलाओं को लाभ!

अब सवाल उठता है कि क्या कोई ऐसी स्थिति है जब एक ही मूल परिवार से जुड़ी दो महिलाओं को लाभ मिल सके? जी हाँ, ऐसा संभव है, लेकिन एक शर्त पर!

  • शर्त: अगर एक ही परिवार की दो महिलाएं अलग-अलग घरों में रहती हैं, उनके राशन कार्ड अलग हैं, और उनकी पारिवारिक पहचान (जैसे फैमिली आईडी, अगर लागू हो) भी अलग-अलग है, तो ऐसी स्थिति में दोनों महिलाएं उज्ज्वला योजना के लिए अलग-अलग आवेदन कर सकती हैं और पात्र होने पर लाभ उठा सकती हैं।

उदाहरण: मान लीजिए, एक बेटी की शादी हो जाती है और वह अपने पति के साथ अलग घर में रहने लगती है, उसका अपना अलग राशन कार्ड बन जाता है। इस स्थिति में, वह अपनी मां (जो अपने घर में रहती है) से अलग एक स्वतंत्र परिवार मानी जाएगी और उज्ज्वला योजना के लिए आवेदन कर सकती है (बशर्ते उसकी मां के पास पहले से कनेक्शन न हो या हो भी तो वह अलग परिवार की मुखिया हो)।

वेरिफिकेशन है जरूरी!

ध्यान रखें कि जब आप आवेदन करते हैं, तो गैस एजेंसी और तेल कंपनियां पूरी वेरिफिकेशन प्रक्रिया अपनाती हैं। इसमें आपके द्वारा दिए गए दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, बैंक अकाउंट डिटेल्स और परिवार की पहचान से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच की जाती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि योजना का लाभ सही व्यक्ति और सही परिवार तक पहुंचे और नियमों का उल्लंघन न हो। इसलिए, याद रखें उज्ज्वला योजना का मूल मंत्र है – एक पात्र परिवार, एक कनेक्शन!