Kedarnath Dham: बाबा केदारनाथ के दर्शनों की चाहत रखने वाले हज़ारों भक्तों के हाथ मायूसी लगी, जब हेलीकॉप्टर सेवा के टिकट बुकिंग के लिए IRCTC की वेबसाइट खुली और महज़ 40 मिनटों में मई महीने के सारे स्लॉट फुल हो गए! चंद मिनटों में 7,000 से ज़्यादा टिकट बुक हो गए और विंडो बंद। इसे बाबा के प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा और दीवानगी कहें, या फिर टिकट एजेंटों के किसी बड़े ‘खेल’ का नतीजा?
यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि टिकट बुकिंग सिर्फ नाम और नंबर से नहीं होती। एक पूरा फॉर्म भरना होता है, फिर OTP आता है, तब जाकर बुकिंग कन्फर्म होती है। इस पूरी प्रक्रिया में समय लगता है। लेकिन मंगलवार को जो हुआ, वो हैरान करने वाला था। हज़ारों लोग OTP का इंतज़ार ही करते रह गए और पलक झपकते ही सारे टिकट बिक गए! आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 23,000 लोगों ने कोशिश की, लेकिन टिकट सिर्फ 7,000 को ही मिल पाए।
क्या इतिहास खुद को दोहरा रहा है?
यह स्थिति खतरनाक रूप से 2022 के रेलवे कन्फर्म टिकट स्कैम की याद दिला रही है। तब भी IRCTC की वेबसाइट पर एजेंटों और दलालों ने विदेशी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर आम लोगों के लिए कन्फर्म टिकट पाना लगभग नामुमकिन कर दिया था और ऊंचे दामों पर कालाबाजारी की थी। बाद में कई दलाल पकड़े गए और हज़ारों फर्जी आईडी बंद हुईं।
अब सवाल यह है कि क्या वैसा ही कोई सिंडिकेट केदारनाथ हेली सेवा के टिकटों पर भी कब्ज़ा जमा रहा है? क्या असली भक्तों की जगह एजेंटों ने थोक में टिकट बुक कर लिए हैं, जिन्हें बाद में ऊंचे दामों पर बेचा जाएगा?
सरकार की नज़र, जांच शुरू
हालाँकि, उत्तराखंड सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। सरकार ने IRCTC से बुकिंग के लिए इस्तेमाल हुए सभी IP एड्रेस का ब्योरा मांगा है। इस जांच से ही साफ हो पाएगा कि ये हज़ारों टिकट देश के अलग-अलग कोनों से असली श्रद्धालुओं ने बुक किए, या फिर कुछ चुनिंदा जगहों से एजेंटों द्वारा थोक में बुकिंग की गई।
IRCTC को पिछले साल से केदारनाथ हेली सेवा की टिकट बुकिंग की एकमात्र ज़िम्मेदारी दी गई है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। लेकिन इस ताज़ा घटना ने एक बार फिर IRCTC की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है। क्या उनकी वेबसाइट ऐसे सिंडिकेट और ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर से निपटने में सक्षम है?
फिलहाल, हज़ारों श्रद्धालु निराश हैं और इस उम्मीद में हैं कि जांच से सच सामने आएगा और भविष्य में उन्हें बाबा केदार के दर्शनों के लिए हेलीकॉप्टर टिकट आसानी से मिल सकेगा, न कि एजेंटों के ‘मायाजाल’ में फंसकर।