व्यापार– अमेरिकी डॉलर लगातार मजबूत होता जा रहा है और भारतीय रुपया धड़ाके से नीचे गिरता जा रहा है। मजबूत होते डॉलर के कारण अब इसे खरीदना भी मुश्किल है क्योंकि यह पहले की अपेक्षा अब ज्यादा यूरो, येन और रुपया में मिलेगा।
मजबूत होते हैं डॉलर ने पूरे बाजार हो हिला दिया है और व्यापारियों को काफी नुकसान भी झेलना पड़ा है। अगर हम इस साल की तुलना करें तो डॉलर 15 फीसदीं मजबूत हुआ है। यह बीते बीस साल की सबसे अधिक तेजी है।
अगर हम डॉलर में आई मजबूती का कारण जानने की कोशिश करे तो अमेरिका के बैंक ने ब्याज दरों में इजाफा किया है। ब्याज दरों में हुए इजाफा से अंतरराष्ट्रीय बाजार प्रभावित हुआ है और तेजी देखने को मिली है।
वही अगर हम मजबूत होते डॉलर क उदाहरण से समझे तो इसके एक कारण डॉलर के साथ बढ़ा इन्वेस्टमेंट भी है लोग अब डॉलर खरीदने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं।
लेकिन उनकी इस खरीददारी का प्रभाव अन्य देशों की मुद्राओं पर पड़ रहा है। जानकारों का कहना है कि जब निवेशक अन्य मुद्रा का उपयोग डॉलर को खरीदने के लिए करते हैं तो डॉलर मजबूत होता है और अन्य देशों की मुद्रा कमजोर होती है।