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कैसी है शाहरुख खान की जवान, जानिए रिव्यू

 

 

डेस्क। निर्देशक एटली ने दक्षिण और उत्तर को एक साथ लाया है और मनोरंजन के माध्यम से वर्तमान मुद्दों पर प्रकाश भी डाला है। शाहरुख खान के रूप में हमें इंडियन रॉबिनहुड का डबल धमाका देखने को मिलने वाला है।

फिल्म की शुरुआत में, चेहरे पर पट्टी बंधा हुआ एक आदमी और छह युवतियां मेट्रो को हाईजैक कर लेती हैं वहीं ट्रेन में सवार 350 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया है। बचाव विशेषज्ञ पुलिस अधिकारी नर्मदा राय के माध्यम से कृषि मंत्री को फोन करते हैं पर इसके बावजूद ट्रेन के यात्री बचाव करने आई पुलिस की मदद करने के बजाय अपहरणकर्ताओं का साथ देते हैं यहीं से भारतीय रॉबिनहुड और छह युवा महिलाओं की कहानी शुरू होती है जो वास्तव में लोगों के लिए संघर्ष करती हैं।

एटली ने कर्ज में डूबे किसानों पर अत्याचार, सरकारी अस्पतालों की दूरदर्शिता, सैनिकों की जान से खिलवाड़ करने वाले हथियार घोटाले, ईवीएम मशीनें, मतदान की अपील जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को प्रस्तुत भी किया है। इसलिए फिल्म शुरू होने के बाद पहले दस मिनट में ही फिल्म एक सकारात्मक संदेश देती है और आगे क्या होगा इसकी उत्सुकता भी बढ़ जाती है। हीरो के डबल रोल का बखूबी इस्तेमाल किया गया है और बता दें कि फिल्म बहुत ही अच्छी है।