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Sharad Poornima Special: शरद पूर्णिमा का खीर से है गहरा रिश्ता

डेस्क। Sharad Poornima Special: शरद पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो आश्विन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान कृष्ण की रासलीला की याद में मनाया जाता है, जो प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और उन्हें श्वेत भोग चढ़ाया जाता है, जिसमें खीर विशेष है। शरद पूर्णिमा का महत्व आध्यात्मिक ज्ञान और आत्मसाक्षात्कार के लिए भी है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा की किरणें भगवान कृष्ण की कृपा को प्राप्त करने में मदद करती हैं। यह त्योहार पितृ तर्पण और शुभ फल प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है, और हिंदू धर्म में इसका विशेष स्थान है।

1. भगवान कृष्ण का प्रिय भोग: खीर भगवान कृष्ण का प्रिय भोग है, और शरद पूर्णिमा के दिन इसे उन्हें भोग लगाया जाता है।

2. रासलीला की याद: खीर शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण की रासलीला की याद दिलाता है, जो गोपियों के साथ उनके प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।

3. चंद्रमा की पूजा: खीर चंद्रमा की पूजा के साथ भी जुड़ा हुआ है, जो आशा और उमंग का प्रतीक है।

4. शुभ और पवित्र: खीर को शुभ और पवित्र माना जाता है, और शरद पूर्णिमा के दिन इसे बनाने और भगवान कृष्ण को भोग लगाने से शुभ फल मिलते हैं।

5. पारंपरिक परंपरा: खीर बनाना शरद पूर्णिमा की पारंपरिक परंपरा है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है।

शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाने और भगवान कृष्ण को भोग लगाने से आपको आध्यात्मिक लाभ मिलता है और आपकी भक्ति में वृद्धि होती है।

शरद पूर्णिमा पर छत पर खीर रखने की परंपरा है, जिसके पीछे कई कारण हैं:

1. चंद्रमा की किरणें: शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणें खीर पर पड़ती हैं, जो इसे पवित्र और शुभ बनाती हैं।

2. भगवान कृष्ण की कृपा: छत पर खीर रखने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है, जो भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।

3. प्रेम और भक्ति: छत पर खीर रखना भगवान कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति का प्रतीक है, जो भक्तों को उनके प्रति समर्पित करता है।

4. शुभ फल: छत पर खीर रखने से शुभ फल मिलते हैं, जैसे कि सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य।

5. पारंपरिक परंपरा: यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है, जो शरद पूर्णिमा के दिन को विशेष बनाती है।

छत पर खीर रखने की विधि

1. खीर बनाएं और उसे एक पात्र में रखें।

2. छत पर एक साफ और सूखे स्थान पर पात्र रखें।

3. चंद्रमा की किरणें पड़ने तक पात्र को वहीं रखें।

4. अगले दिन सुबह खीर को भगवान कृष्ण को भोग लगाएं और बाद में परिवार के साथ बांटें।

शरद पूर्णिमा पर छत पर खीर रखना एक पवित्र और शुभ परंपरा है, जो भगवान कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति को बढ़ावा देती है।