Hindi Diwas- आज यानी 14 सितंबर को पूरा देश हिंदी दिवस मना रहा है। आज का दिन हिंदी प्रेमियों के लिये महत्वपूर्ण दिन है। यह युवा पीढ़ी को हिंदी से जोड़ता है और उन्हें हिंदी के उपयोग को बढाने के लिये जागरूक करता है। आज का दिन विशेष रूप से लोगो को हिंदी भाषा का महत्व समझाने हेतु बनाया गया है। क्योंकि आज समय बदलता जा रहा है और अब अंग्रेजी के सम्मुख हिंदी अपने अस्तिव को तलाश रही है।
अगर हम भारत की बात करें तो हिंदी भारत की ह्रदय है और हिंदी के बिना भारत का कोई औचित्य नही क्योंकि यह भाषा भारत की मूलभूत पहचान बनी हुई है। लेकिन इस सबके बाबजूद आज बड़े बड़े संस्थान अपने ही देश मे अपने देश की मूल भाषा को महत्व नहीं दे रहे हैं और एक हिंदी प्रेमी को कई बार अपनी भाषा के कारण अपमान सहना पड़ता है।
अगर हम बात हिंदी भाषा के उपयोग की करे तो दुनिया भर में लगभग 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के रूप में हिंदी बोलते हैं, और 420 मिलियन से अधिक लोग इसे अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। यह लोगो को भावनात्मक रूप से जोड़ने का एक माध्यम बनी हुई है।
जाने क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस-
अगर हम हिंदी दिवस के इतिहास की बात करे तो हिंदी दिवस 14 सितंबर को साहित्यकार राजेंद्र सिंह के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। हिंदी को विशेष दर्जा दिलवाने में गोविंद दस, हजारीप्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर और मैथिलीशरण गुप्त का अहम योगदान रहा है। महात्मा गांधी ने सर्वप्रथम हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने का प्रस्ताव साल 1918 में रखा था। यह हिंदी को जनमानस की भाषा कहते थे और इन्हें हिंदी से बहुत अधिक प्रेम था।
हिंदी को साल 1949 में संवैधानिक रूप से मान्यता दी गई और संविधान की 22 भाषाओं में जोड़ा गया। 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है वही 14 सितंबर को भारत मे हिंदी दिवस मनाया जाता है।
जानकारी के लिये बता दें 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। यह पहली बार 2006 में पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा दुनिया भर में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया गया था।